संसद की एक समिति ने यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया पर कार्यक्रम करने वाले रणवीर अल्लाहबादिया की अपमानजनक टिप्पणी के मामले में बड़ा कदम उठाया है। समिति ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से तीखे शब्दों का उपयोग किए जाने का हवाला देते हुए इलेक्ट्रॉनिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय से जवाब मांगा है। समिति ने मंत्रालय से कहा कि वह ऐसे मामलों से निपटने में मौजूदा कानूनों के असर और ऑनलाइन मंचों को कानूनी जांच के दायरे में लाने के लिए आवश्यक किसी भी संशोधन पर एक नोट प्रस्तुत करे।

क्या मौजूदा कानूनों में संशोधन की जरूरत?
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की अध्यक्षता वाली संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी समिति ने इस मुद्दे पर मंत्रालय के सचिव एस कृष्णन को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया, 'डिजिटल और सोशल मीडिया मंचों के दुरुपयोग की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर, इलेक्ट्रॉनिक और आईटी मंत्रालय से अनुरोध है कि वह ऐसे मामलों से निपटने के लिए मौजूदा कानूनों के असर पर इस समिति को एक संक्षिप्त नोट भेजें। मंत्रालय यह बताए कि क्या ऐसे मंचों को कानूनी जांच के दायरे में लाने के लिए मौजूदा कानूनों या आईटी अधिनियम, 2000 में संशोधन करने की आवश्यकता है।'

सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को भी ध्यान रखने को कहा
पत्र में यह भी कहा गया कि मंत्रालय को 25 फरवरी तक अपना नोट जमा करने के लिए कहा गया है। समिति ने मंत्रालय से सुप्रीम कोर्ट की उस टिप्पणी पर ध्यान देने को कहा, जिसमें शीर्ष अदालत ने रणवीर अल्लाहबादिया को फटकार लगाई थी।

कोर्ट ने क्या कहा था?
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कहा था कि उसे पता है कि पॉडकास्टर रणवीर ने एक ऑस्ट्रेलियाई कार्यक्रम से नकल करके टिप्पणियां कीं। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने कहा, 'हम वास्तविकता से अपरिचित नहीं हैं। हमें विभिन्न स्रोतों से इस बात की जानकारी है। हम जानते हैं कि उसने ऑस्ट्रेलियाई कार्यक्रम से इसे नकल करने की कोशिश की है और वहां से उसने किसी अभिनेता के संवाद को उठाने की कोशिश की है।'

रैना के शो ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ में की थी टिप्पणी
पीठ पॉडकास्टर की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। उन पर यूट्यूब शो में विवादित बयानों के लिए मामला दर्ज किया गया है। उनकी टिप्पणी कॉमेडियन समय रैना के शो ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ में आई थी।

सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणियां, रणवीर की दलीले

  • पीठ ने अल्लाहबादिया के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता अभिनव चंद्रचूड़ से कहा, 'उसे शर्म आनी चाहिए कि उसने अपने माता-पिता को कितनी शर्मिंदगी पहुंचाई है। उसने किस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया है।' 
  • इस पर चंद्रचूड़ ने कहा कि यह शो वयस्कों के लिए है और इसे भुगतान करके देखा जा सकता है। 
  • जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि कुछ ऐसे समाज हैं जहां दर्शकों को वयस्क चैनल और कुछ दर्शकों के लिए सामग्री अनुपयुक्त होने के बारे में चेतावनी दी जाती है। उन्होंने यह भी कहा, 'वे सभी सावधानियां बरतते हैं। ये सभी नकल किए गए कार्यक्रम हैं। जब आप ऐसा कर रहे हैं, तो आपको चेतावनी देनी चाहिए और सावधानी बरतनी चाहिए।'
  • न्यायाधीश ने कहा, 'पेड चैनल समझ में आते हैं, लेकिन आप यूट्यूब पर जा सकते हैं और कोई भी इसे यानी इंडियाज गॉट लेटेंट देख सकता है। 
  • इस पर चंद्रचूड़ ने कहा कि विवाद इसलिए पैदा हुआ, क्योंकि कुछ दर्शकों ने 45 मिनट लंबे एपिसोड की 10 सेकंड की क्लिप बनाई और इसे यूट्यूब पर पोस्ट कर दिया।