एम्स भोपाल में सिकल सेल पर जागरूकता अभियान

 

सिकल सेल एनीमिया रोग के प्रति जन जागरूकता के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भोपाल के बाल चिकित्सा ओपीडी क्षेत्र में एक जन जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) अजय सिंह ने कहा कि "सिकल सेल एनीमिया एक आनुवंशिक विकार कई व्यक्तियों और उनके परिवारों को प्रभावित करता है।  उन्होने कहा कि जागरूकता सत्र और संवेदनशीलता कार्यक्रमों का आयोजन करके, हमारा लक्ष्य है कि मरीजों, देखभालकर्ताओं, और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को ऐसी जानकारी प्रदान की जाए जिससे वे लक्षणों की जल्दी पहचान कर, प्रभावी उपचार विकल्पों तक पहुँच सकें, और बीमारी का प्रबंधन अधिक कुशलता से कर सकें। भारत सरकार की 'सिकल-फ्री इंडिया' की अवधारणा को पूरा करने के लिए व्यापक समुदाय साक्षरता, उन्नत आनुवंशिक स्क्रीनिंग, और एक मजबूत समर्थन प्रणाली के माध्यम से, हम सिकल सेल एनीमिया को रोकने और प्रबंधित करने में महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं। मिलकर, हम एक ऐसे भविष्य की ओर प्रगति कर सकते हैं जहाँ सिकल सेल एनीमिया एक स्वस्थ और पूर्ण जीवन जीने की बाधा नहीं बनें।”

 

यह कार्यक्रम इस आनुवंशिक विकार से प्रभावित लोगों के लिए रोगी देखभाल और शिक्षा को बढ़ाने के लिए एम्स भोपाल की निरंतर प्रतिबद्धता का प्रमाण है। भारत सरकार के मिशन "सिकल-फ्री इंडिया" तहत इसका आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य रोगियों, देखभाल करने वालों और स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं को सिकल सेल एनीमिया का शीघ्र पता लगाने और प्रबंधन के महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में शिक्षित करना था। इसके माध्‍यम से लक्षणों की शीघ्र पहचान, उपलब्ध चिकित्‍सकीय विकल्प, आनुवंशिक जांच तकनीकों में प्रगति और रोग संचरण को रोकने में सामुदायिक जागरूकता की भूमिका सहित आवश्यक विषयों को शामिल किया गया। इसमें बाल रोग और हेमाटोलॉजी विभागों के विशेषज्ञ शामिल हुए, जिन्होंने जनता के सामान्य प्रश्नों और चिंताओं को संबोधित किया।