क्या आप प्रयागराज महाकुम्भ में जा रहे हैं ?  

प्रयागराज। कल बुधवार, 29 जनवरी को मौनी अमावस्या है। इस अवसर प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में करीब दस करोड़ श्रद्दालुओं के त्रिवेणी संगम और गंगा तट पर डुबकी लगाने की सम्भावना जताई जा रही है। श्रद्धालुओं का प्रयागराज जाने का सिलसिला दो - तीन दिन पहले ही शुरू हो चुका है। प्रत्येक श्रद्धालु इस अवसर का लाभ उठाना चाहता है। इसीलिए रेलगाड़ी, बस और अपने वाहनों से प्रयागराज जा रहे हैं ऐसे में श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित करने के लिए मेला प्रशासन ने विशेष तैयारी की है। श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की अफवाहों से बचने और सतर्क रहने के लिए कहा जा रहा है। इसके अलावा आपात स्थिति में मेला पुलिस, ट्रैफिक पुलिस और डॉक्टरों की टीम श्रद्धालुओं की देखरेख के लिए 24 घंटे तैनात किए गए हैं।

अगर आप प्रयागराज जा रहे हैं तो आपको स्टेशन के बाहर बहुत सारे होटल और लॉज मिल जाएंगे, इनका किराया थोड़ा अधिक होगा। अगर आपका बजट कम है तो आपको डोरमेट्री मिल जाएगी, जिसका किराया आपको ₹300-1000 रुपये तक रहेगा। कई सारे रैन बसेरा भी हैं जो अलग-अलग संस्थाओं द्वारा लगाए गए हैं। मगर ये सब आपको मेला क्षेत्र में ही मिलेंगे। इसके अलावा खाने के लिए मेला क्षेत्र में हर प्राय: सभी आश्रमों में भंडारा की व्यवस्था है जहां नि:शुल्क चाय, नाश्ता और भोजन मिलेगा।

         महाकुम्भ नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश द्विवेदी ने बताया कि महाकुम्भ में मौनी अमावस्या के अवसर पर दूसरे अमृत स्नान को लेकर विशेष तैयारियां की गई हैं। खासकर श्रद्धालुओं को जागरूक किया जा रहा है कि वे सजग रहें और किसी तरह की अफवाह में न फंसें। व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस का सहयोग करें और किसी भी तरह की समस्या आने पर पुलिस की मदद लें। उन्होने बताया कि पुलिस और प्रशासन श्रद्धालुओं की मदद के लिए 24 घंटे उपलब्ध है। 

 

पुलिस और प्रशासन ने महाकुम्भ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ के मद्देनजर कुछ सुझाव दिए हैं ताकि श्रद्धालु अपनी यात्रा को बिना किसी दिक्कत के पूरी कर सकें 

  • संगम घाट पहुंचने के लिए अलग-अलग लेन से ही जाएं    
  • गंगा स्नान के लिए जाते समय अपनी लेन में बने रहें। 
  • आने वाले श्रद्धालु स्नान और दर्शन करने के बाद सीधे पार्किंग की ओर जाएं। 
  • मंदिरों में दर्शन के लिए जाते समय अपनी लेन में बने रहें, वहां से अपने गंतव्य स्थान के लिए प्रस्थान करें 
  • जरूरत पड़ने पर पुलिस का सहयोग लें, पुलिस आपकी मदद के लिए है। 
  • ट्रैफिक पुलिस भी आपकी मदद के लिए तत्पर है
  • स्वास्थ्य संबंधी समस्या होने पर नजदीकी सेक्टर में बने अस्पताल में जांच कराएं  
  • बैरिकेडिंग और पांटून पुलों पर धैर्य बनाए रखें, जल्दबाजी और धक्कामुक्की से बचें।   
  • कागज, जूट या इको फ्रेंडली बर्तनों और कुल्हड़ का ही प्रयोग करें। 
  • सभी घाट संगम घाट हैं, जिस घाट पर पहुंच जाएं. वहीं स्नान करें। 

 

इसके अलावा इन बातों पर भी ध्यान दें.......

  • श्रद्धालु कहीं भी एक साथ एक स्थान पर ना रुकें। 
  • मेले में किसी भी तरह की अफवाहों से बचें। 
  • सोशल मीडिया पर फैलाए गए किसी भी भ्रम को सच न मानें और ऐसी अफवाहों को अन्य ग्रूपं में नहीं भेजे  
  • मंदिरों में दर्शन के लिए किसी भी प्रकार की हड़बड़ी न दिखाएं
  • व्यवस्था या सुविधा को लेकर किसी के भी बहकावे में आने से बचें। 
  • किसी प्रकार की भ्रामक खबरों को आगे बढ़ाने से बचें। 
  • पवित्र स्नान के लिए किसी भी प्रकार की जल्दबाजी न करें। 
  • प्लास्टिक की पन्नियों और बर्तनों का इस्तेमाल करने से बचें। 

 

  श्रद्धालु प्रयागराज में त्रिवेणी और संगम घाट के साथ वाराणसी में प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर तथा अयोध्या में रामलला के भी दर्शन करना चाहते हैं। इसी कारण इन धार्मिक महत्व के इन स्थलों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। वाराणसी में तो 24 जनवरी को रात 12 बजे से ही बाहर के वाहनों को शहर में प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई है जो आगामी 5 फरवरी तो जारी रहेगी। इसी तरह अयोध्या में भी श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। काशी विश्वनाथ और रामलला के दर्शन करने में श्रद्धालुओं को घंटों कतार में खड़ा रहना पड़ रहा है।

   

   तीन – चार दिनों में काशी आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। हर दिन करीब चार लाख श्रद्धालु वाराणसी पहुंच रहे हैं। शाम को गंगा आरती में भी भारी भीड़ उमड़ रही है। काशी विश्वनाथ धाम के प्रमुख प्रवेश मार्ग पर दो किलोमीटर से अधिक लंबी कतार देखी जा रही है। इतना ही नहीं, देर रात्रि 11:00 बजे कपाट बंद होने के बाद सुरक्षा कर्मियों द्वारा श्रद्धालुओं को यह बात समझाई जा रही है, कि अब अगले दिन आप दर्शन के लिए कतार में बाबा के दरबार में आइए। उधर अयोध्या में भी सोमवार को 25 लाख से अधिक श्रद्धालु रामलला के लिए पहुंचे। रामलला के दर्शन के लिए मंदिर प्रात: 5 बजे से रात्रि 11 बजे तक खुला रखा जा रहा है।

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