बिना उचित कारण के चुनाव ड्यूटी से न करें इंकार वरना..

बिना उचित कारण के चुनाव ड्यूटी से न करें इंकार वरना....
यदि कोई सरकारी कर्मचारी लोकसभा के चुनाव के दायित्व से मुक्ति पाने के लिये स्वास्थ्य कारणों अथवा दिव्यांगता की आड़ लेकर आवेदन करता है और वह उचित कारण सिद्ध करने में असमर्थ रहता है तो ऐसे कर्मचारियों को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी जा सकती है. इसी आशय का एक आदेश बालाघाट के अपर कलेक्टर जी.एस. धुर्वे के नाम से 28 मार्च को जारी हुआ है. सोशल मीडिया में वायरल हुआ इस आदेश में पांच कर्मचारियों को 20-50 फार्मुला के तहत अनिवार्य सेवानिवृत्त करने की कार्रवाई की जा रही है.
इन दिनों लोकसभा के चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. बालाघाट संसदीय क्षेत्र में भी चुनाव सम्पन्न करवाने के लिये कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जा रही है. इसी के साथ कुछ कर्मचारी स्वास्थ्य कारणों या दिव्यांगता का हवाला देकर चुनाव की ड्यूटी से बचना चाह्ते हैं. बालाघाट में भी अनेक कर्मचारियों ने चुनाव में ड्यूटी से मुक्त रखने के लिये जिला निर्वाचन अधिकारी के नाम आवेदन दिया है. इन आवेदनों की जांच करने पर पाया गया कि शिक्षा विभाग के पांच कर्मचारियों ने आवेदन में जो कारण बताये हैं, वे सही नहीं है. इन कर्मचारियों ने जो दस्तावेज प्रस्तुत किये हैं उनमें ऐसा कोई कारण नहीं है जिससे उन्हें निर्वाचन कार्य से मुक्त रखा जाये.
अपर कलेक्टॅर जी.एस. धुर्वे ने जिला शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर शासकीय प्राथमिक विद्यालय सिंगोड़ी के शिक्षक नंदकिशोर, पी.एम. श्री उ.मा.विद्यालय, कुम्हारीकला के प्रधान पाठक कन्हैयालाल बड़गैयया, शासकीय. उ. मा. विद्यालय गर्रा के सहायक शिक्षक जे.एस. बिसेन, शा. कन्या हाई स्कूल के शिक्षक माखनलाल टेम्भरे और शा. उत्कृष्ट उ. मा. विद्यालय के उच्च श्रेणी शिक्षक लोकचंद बोपचे के खिलाफ मध्यप्रदेश शासन के सामान्य विभाग के पत्रांक सी. 3-10/2019/एक/3 भोपाल दिनांक 6 जुलाई 2019 के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिये है. जारी निर्देश में कहा गया है कि उचित कार्रवाई कर पालन प्रतिवेदन अपर कलेक्टर को भेजें.