मकर संक्रांति....

 रेलवे पटरियों के आसपास पतंग उड़ाना  हो सकता है खतरनाक

भोपाल ।  14 जनवरी को भारत में मकर संक्रांति का पर्व बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। इस अवसर पर प्राय: अधिकांश स्थानों पर पतंग उड़ाई जाती है। पतंग में चीनी मांझा के उपयोग से हर साल अनेक लोगों की जान भी चली जाती है। इसके अलावा रेलवे ट्रैक के पास पतंगबाजी के कारण  हर साल कई दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटनाएं भी होती हैं।

पश्चिम मध्य रेल, भोपाल मंडल के  वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक श्री सौरभ कटारिया ने बताया कि रेलवे ट्रैक के ऊपर लगी विद्युत तारों में 25,000 वोल्ट की बिजली प्रवाहित होती है। यदि पतंग की डोर इन तारों के संपर्क में आ जाती है तो तेज विद्युत प्रवाह के कारण घातक करंट लग सकता है। विशेष रूप से धातुयुक्त मांझा या गीली डोर के कारण यह करंट पतंग उड़ाने वाले तक सीधे पहुंच सकता है, जो कि जानलेवा हो सकता है। इसके अतिरिक्त, तेज गति से चल रही रेलगाड़ियों के संपर्क में आकर भी गंभीर दुर्घटनाएं हो सकती हैं।  श्री कटारिया ने स्पष्ट किया है की  रेलवे ट्रैक को अनाधिकृत स्थानों से पार करना रेलवे अधिनियम 1989 की धारा 147 के तहत दंडनीय अपराध है। ऐसा करने पर ₹1,000 तक का आर्थिक दंड, 6 माह का कारावास, या दोनों हो सकते हैं।  रेलवे प्रशासन ने सभी लोगों, विशेषकर अभिभावकों से अपील की है कि वे अपने बच्चों को रेलवे ट्रैक से दूर रखें तथा रेलवे लाईन के पास  पतंगबाजी नहीं करने दें ।