राष्ट्रपति भवन के दो प्रमुख हालों  के नाम बदले  

भारत के राष्ट्रप्ति भवन में स्थित दो प्रमुख बड़े कक्षों (हालों) अशोक हाल और दरबार हाल को अब क्रमश: अशोक मंडप और गणतंत्र मंडप के नाम से जान से जाना जाएगा राष्ट्रपति भवन, भारत के राष्ट्रपति का कार्यालय एवं निवास है।  इसे लोगों के लिए और अधिक सुलभ बनाने हेतु लगातार प्रयास किये जा रहे हैं। राष्ट्रपति भवन के वातावरण को भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों एवं लोकाचार के अनुरूप बनाने की दिशा में लगातार प्रयास किए गए हैं। इसी के मद्देनजर इन दोनो प्रमुख हालों अशोक हाल और दरबार हाल का नाम परिवर्तन किया गया है।  

‘अशोक हॉल’ मूलतः एक बॉलरूम था। ‘अशोक’ शब्द का आशय एक ऐसे  व्यक्ति से है जो “सभी कष्टों से मुक्त” या “किसी भी दुःख से रहित” हो। इसके अलावा‘अशोक’ का आशय एकता और शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के प्रतीक सम्राट अशोक से है। भारत गणराज्य का राष्ट्रीय प्रतीक सारनाथ के अशोक का सिंह शिखर है। यह शब्द अशोक वृक्ष को भी संदर्भित करता है जिसका भारतीय धार्मिक परंपराओं के साथ-साथ कला और संस्कृति में भी गहरा महत्व है। ‘अशोक हॉल’ का नाम बदलकर 'अशोक मंडपकरने से भाषा में एकरूपता आती है और 'अशोकशब्द से जुड़े प्रमुख मूल्यों को बरकरार रखते हुए अंग्रेजीकरण के निशान मिट जाते हैं।

 ‘दरबार हॉल’ राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान करने जैसे महत्वपूर्ण समारोहों एवं उत्सवों का स्थल है। ‘दरबार’ शब्द का आशय भारतीय शासकों व अंग्रेजों के दरबार एवं सभाओं से है। भारत के गणतंत्र बनने के बाद इसकी प्रासंगिकता समाप्त हो गई। ‘गणतंत्र’ की अवधारणा प्राचीन काल से भारतीय समाज में गहराई से निहित हैइसलिए इस आयोजन स्थल के लिए ‘गणतंत्र मंडप’ एक उपयुक्त नाम है।

भारत में अंग्रेजों के समय से चले आ रहे अप्रासंगिक हो चुके कानूनों को समाप्त किया गया है और अनेक शहरों के नाम भी बदले गये हैं। भारत को स्वतंत्र हुये 77 साल से अधिक हो गये हैं और अभी भी अनेक प्रतीकों, नाम आदि को बदले या समाप्त करने की जरूरत है।