समग्र स्वास्थ्य के लिए जरुरी है पोषण आहार

अपने दैनिक पोषण में करें सुधार और पोषण संबंधी बीमारियों को रोकें

आलेख - रेणु रखेजा

पोषण विशेषज्ञ और स्वास्थ्य कोच

 

     वर्तमान समय में असंतुलित आहार के कारण जीवनशैली संबंधी बीमारियों का तेजी से बढ़ना एक गंभीर समस्या बन गई है। गलत आहार विकल्पों, जैसे प्रोसेस्ड फूड और अत्यधिक कार्बोहाइड्रेट वाले भोजन का सेवन, मधुमेह, हृदय रोग, मोटापा और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों का मुख्य कारण बन रहा है। संतुलित पोषण की कमी से न केवल शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली प्रभावित होती है, बल्कि दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं। हालांकि, यह सच है कि कुछ क्षेत्रों में कुपोषण अभी भी एक चुनौती बना हुआ है, विशेष रूप से ग्रामीण बच्चों में, लेकिन शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में असंतुलित आहार की समस्या भी गंभीर होती जा रही है।

  इस लेख में, हम पोषण को बेहतर बनाने के कुछ व्यावहारिक उपायों पर चर्चा करेंगे, जो न केवल बीमारियों से बचाने में मदद करेंगे, बल्कि समग्र स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाएंगे। इसमें हम मिलेट्स (बाजरा) जैसे पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थों पर भी विशेष ध्यान देंगे, जो पोषण में सुधार के लिए एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।

पोषण क्यों महत्वपूर्ण है

संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर आहार आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। आज के समय में सही पोषण न केवल शारीरिक और मानसिक विकास में मदद करता है, बल्कि यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और जीवनशैली संबंधी बीमारियों से बचने में भी सहायक होता है। असंतुलित आहार, विशेष रूप से प्रोसेस्ड फूड और अत्यधिक शर्करा युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन, मधुमेह, हृदय रोग, मोटापा और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों का मुख्य कारण बन रहा है। सही पोषण से इन बीमारियों के जोखिम को कम किया जा सकता है और शरीर को आवश्यक ऊर्जा और पोषक तत्व मिलते हैं, जिससे आप स्वस्थ रह सकते हैं। पर्याप्त मात्रा में आयरन, विटामिन ए, और आयोडीन जैसे तत्व न मिलने से एनीमिया, दृष्टि समस्याएं और थायरॉयड विकार हो सकते हैं। इन कमियों को संतुलित और पौष्टिक आहार के माध्यम से रोका जा सकता है।

भारत में आम पोषण संबंधी कमियाँ

भारत में कई पोषण संबंधी कमियाँ पाई जाती हैं, जिनमें से प्रमुख हैं:

1. आयरन की कमी (एनीमिया): यह थकान, कमजोरी और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता को प्रभावित करती है। यह समस्या विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों में अधिक पाई जाती है।

2. प्रोटीन की कमी: पर्याप्त प्रोटीन न मिलने से मांसपेशियां कमजोर होती हैं और प्रतिरक्षा प्रणाली प्रभावित होती है।

3. विटामिन ए की कमी: इससे दृष्टि संबंधी समस्याएं और संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

4. विटामिन डी की कमी: हड्डियों के कमजोर होने और ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा बढ़ जाता है।

5. आयोडीन की कमी: इससे थायरॉयड की समस्याएं, जैसे गॉइटर हो सकता है, विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां आयोडीन युक्त नमक का उपयोग नहीं किया जाता।

जंक फूड की बढ़ती समस्या

   हाल के वर्षों में जंक फूड की उपलब्धता और उसका सेवन तेजी से बढ़ा है। प्रोसेस्ड और पैकेज्ड फूड, जैसे चिप्स, बिस्कुट, और शीतल पेय, जो आमतौर पर अस्वास्थ्यकर वसा, चीनी और नमक से भरे होते हैं, बहुतायत से खाए जा रहे हैं। ये खाद्य पदार्थ पोषक तत्वों की कमी वाले होते हैं और अधिक मात्रा में कैलोरी प्रदान करते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।

जंक फूड के दुष्प्रभाव

जंक फूड के अत्यधिक सेवन से मोटापा, मधुमेह, और हृदय रोग जैसी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। ये खाद्य पदार्थ हमारे आहार में आवश्यक पोषक तत्वों की जगह ले रहे हैं और लोगों की स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा रहे हैं। खासकर बच्चों और युवाओं के बीच, जंक फूड की बढ़ती लोकप्रियता चिंता का विषय है।

जंक फूड के खिलाफ क्या करें?

• पारंपरिक भोजन को प्राथमिकता दें: पारंपरिक भारतीय स्नैक्स, जैसे भुने हुए चने, मखाने और मुरमुरे, पैकेज्ड चिप्स या बिस्कुट की तुलना में बहुत बेहतर विकल्प हैं।

• जागरूकता बढ़ाएं: अपने परिवार और बच्चों को जंक फूड के दुष्प्रभावों के बारे में जानकारी दें और स्वस्थ खाने की आदतों को अपनाने पर जोर दें।

• घर का बना स्नैक्स चुनें: बाजरा आधारित स्नैक्स जैसे लड्डू या घर के बने एनर्जी बार का सेवन करें। ये स्वास्थ्य के लिए बेहतर होते हैं और पोषण से भरपूर होते हैं।

मिलेट्स के साथ अपने दैनिक पोषण में सुधार करें

  दैनिक पोषण में सुधार करने के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक है मिलेट्स को अपने आहार में शामिल करना। "मिलेट्स", जिन्हें "सुपर ग्रेन्स" भी कहा जाता है, फाइबर, प्रोटीन, विटामिन और खनिजों से भरपूर होते हैं। ये आसानी से उगाए जाने वाले अनाज हैं, जो कम पानी में भी उगाए जा सकते हैं।

मिलेट्स के प्रकार और उनके लाभ

मिलेट्स के कई प्रकार होते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:

• रागी (फिंगर मिलेट): रागी कैल्शियम से भरपूर होता है, जो हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसमें आयरन भी होता है, जिससे एनीमिया से लड़ने में मदद मिलती है।

• ज्वार (सोरघम): ज्वार प्रोटीन और फाइबर से भरपूर होता है, जो पाचन में सुधार करता है और वजन को नियंत्रित करने में मदद करता है। यह ग्लूटेन फ्री होता है और मधुमेह रोगियों के लिए भी उपयुक्त है।

• बाजरा (पर्ल मिलेट): बाजरा आयरन और मैग्नीशियम से भरपूर होता है, जो हृदय स्वास्थ्य और रक्त शर्करा के नियंत्रण के लिए फायदेमंद है।

• कंगनी (फॉक्सटेल मिलेट:) कंगनी रक्त शर्करा को धीरे-धीरे बढ़ाता है, जिससे यह मधुमेह रोगियों के लिए आदर्श विकल्प है। इसमें उच्च मात्रा में फाइबर होता है जो पाचन तंत्र के लिए अच्छा होता है।

• कोदो मिलेट: कोदो मिलेट शरीर को शुद्ध करने वाले गुणों से भरपूर होता है और इसमें ऐसे तत्व होते हैं जो शरीर में तनाव को कम करने में मदद करते हैं।

मिलेट्स को अपनी डाइट में कैसे शामिल करें

मिलेट्स को आप अपने भोजन में विभिन्न तरीकों से शामिल कर सकते हैं:

• नाश्ते में: रागी डोसा, मिलेट उपमा या मिलेट पोरिज का सेवन करें।

• दोपहर/रात के खाने में: रागी, बाजरा या ज्वार की रोटी बनाएं, या चावल की जगह मिलेट्स का उपयोग करें।

• स्नैक्स के लिए: रागी के लड्डू, घर के बने स्नैक्स का सेवन करें। अन्य तरीके जिनसे आप अपना दैनिक पोषण सुधार सकते हैं

मिलेट्स के साथ, यहां कुछ अन्य तरीके दिए गए हैं जिससे आप बेहतर पोषण सुनिश्चित कर सकते हैं: संतुलित आहार लें संतुलित आहार में सभी प्रमुख खाद्य समूहों से खाद्य पदार्थ शामिल होने चाहिए—अनाज, सब्जियाँ, फल, डेयरी और प्रोटीन स्रोत। यह सुनिश्चित करें कि आप:

1. फल और सब्जियाँ: फल और सब्जियाँ: मौसमी फल और सब्जियाँ आवश्यक विटामिन, खनिज, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट प्रदान करती हैं। हर भोजन में सब्जियाँ शामिल करना बेहद जरूरी है क्योंकि इससे न केवल पाचन तंत्र बेहतर रहता है, बल्कि शरीर को पर्याप्त मात्रा में फाइबर भी मिलता है। फाइबर पाचन को सुचारू रखने में मदद करता है और कब्ज जैसी समस्याओं को दूर करता है। इसके अलावा, सब्जियों में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट शरीर को हानिकारक फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं, जिससे उम्र बढ़ने की प्रक्रिया धीमी होती है और बीमारियों का खतरा कम होता है।

2. हरी पत्तेदार सब्जियाँ जैसे पालक, मेथी, और सरसों, लाल और पीली सब्जियाँ जैसे गाजर, शिमला मिर्च, और टमाटर आपके आहार में विभिन्न विटामिन्स और मिनरल्स का अच्छा स्रोत हैं। प्रतिदिन अपने आहार में इन रंग-बिरंगी सब्जियों को शामिल करें ताकि आपके शरीर को विटामिन ए, सी, और ई के साथ साथ आयरन और पोटैशियम भी मिल सके।

3. प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ: प्रोटीन हमारे शरीर के लिए बेहद महत्वपूर्ण पोषक तत्व है, क्योंकि यह मांसपेशियों के निर्माण, ऊतकों की मरम्मत, और संपूर्ण शारीरिक विकास में अहम भूमिका निभाता है। प्रोटीन शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को भी मजबूत करता है,जिससे हम बीमारियों से लड़ने में सक्षम होते हैं। पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन का सेवन न केवल मांसपेशियों को मजबूत रखता है, बल्कि यह ऊर्जा का भी एक प्रमुख स्रोत है।

• कई बार लोग यह सोचते हैं कि केवल दालों से पर्याप्त प्रोटीन मिल जाता है, लेकिन वास्तव में दालों से 3-4 ग्राम ही प्रोटीन मिलता है, जो पर्याप्त नहीं है। इसलिए, हमें अपने आहार में विभिन्न प्रोटीन स्रोतों को शामिल करना चाहिए।

• प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ: दालें, पनीर, अंडे, छोले, राजमा, मूंगफली और सोयाबीन जैसे प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थों को अपने आहार में शामिल करें।

4. प्रोबायोटिक्स: अपने आहार में दही, छाछ, कांजी, अचार, और किण्वित खाद्य पदार्थ जैसे डोसा, इडली शामिल करें। ये पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने और प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करते हैं।

सूक्ष्म पोषक तत्वों पर ध्यान दें

आयरन, विटामिन ए और डी जैसे सूक्ष्म पोषक तत्व शरीर के उचित कार्य के लिए आवश्यक होते हैं। सुनिश्चित करें कि आप पर्याप्त मात्रा में हरी सब्जियाँ, गाजर, शकरकंद और डेयरी उत्पादों का सेवन कर रहे हैं।

 

प्रोसेस्ड फूड से बचें

प्रोसेस्ड और जंक फूड में चीनी, नमक और अस्वास्थ्यकर वसा की उच्च मात्रा होती है, जो दीर्घकालिक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती हैं। इसके बजाय ताजे फलों या घर के बने स्नैक्स का सेवन करें।

हाइड्रेटेड रहें

अपने शरीर को हाइड्रेटेड रखने के लिए पर्याप्त मात्रा में पानी पीना जरूरी है। प्रति दिन कम से कम 8-10 गिलास पानी पीने का लक्ष्य रखें और शुगर युक्त पेय पदार्थों से बचें। अच्छा पोषण एक स्वस्थ जीवन का आधार है। मिलेट्स, साबुत अनाज, फल और सब्जियों से भरपूर आहार को अपनाकर आप अपने समग्र स्वास्थ्य में सुधार कर सकते हैं और बीमारियों को रोक सकते हैं। दैनिक खाने की आदतों में छोटे बदलाव भी लंबे समय तक चलने वाले सकारात्मक परिणाम दे सकते हैं। आइए हम पोषण को अपनी प्राथमिकता बनाएं और एक स्वस्थ भविष्य का निर्माण करें।

आलेख - रेणु रखेजा

पोषण विशेषज्ञ और स्वास्थ्य कोच