क्लिनिकल इलेक्ट्रिकल थर्मामीटर के नियमों में

संशोधन के लिए सुझाव आमंत्रित

      नई दिल्ली मानव और पशु के शरीर के तापमान को मापने के लिए डिज़ाइन किए गए क्लिनिकल इलेक्ट्रिकल थर्मामीटर के मानकीकरण और सटीकता को बढ़ाने के लिए नए  नियम बनाए जा रहे हैं। इन नियमों का उद्देश्य ऐसे उपकरणों के लिए मौजूदा नियमों को संशोधित करना है। यह उपकरण बुखार और हाइपोथर्मिया जैसे रोगों के निदान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारत सरकार के उपभोक्ता मामले विभाग के अंतर्गत विधिक माप विज्ञान विभाग, तौल और माप उपकरणों में सटीकता और विश्वसनीयता सुनिश्चित करता है जिससे उपभोक्ता हितों की रक्षा होती है।

आम जनता और हितधारकों से प्राप्त सुझावों पर समीक्षा करने के बाद अंतिम रूप देकर ये नियम क्लिनिकल इलेक्ट्रिकल थर्मामीटर की सटीकता और विश्वसनीयता को मानक बना देंगे। इन प्रावधानों में इन उपकरणों के सत्यापन और मुहर लगाने को अनिवार्य किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वे निर्धारित मानकों के अनुरूप हैं जिससे मनुष्यों और जानवरों के स्वास्थ्य के लिए क्लिनिकल इलेक्ट्रिकल थर्मामीटर का बेहतर उपयोग किया जा सके

     इन थर्मामीटरों का घरोंस्वास्थ्य सुविधाओं और विभिन्न उद्योगों में बड़े पैमाने पर उपयोग किया जाता है। प्रस्तावित नियमों का उद्देश्य उनके मापों में विश्वास को बढ़ाना है तथा  यह सुनिश्चित करना है कि निदान और उपचार के निर्णय विश्वसनीय डेटा पर आधारित हों। यह पहल उपभोक्ता सुरक्षा को मजबूत करने और शरीर के तापमान के माप में एकरूपता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

       विभाग द्वारा गठित एक समिति द्वारा तैयार किए गए मसौदा नियमों को सार्वजनिक परामर्श के लिए विभाग की वेबसाइट पर जारी किया गया है। इस सम्बंध में  हितधारक और आम जनता से इसी महीने 30 दिसंबर 2024 तक उनकी टिप्पणियाँ और सुझाव आमंत्रित किए गये हैं। मसौदा और नियमों को निम्नलिखित लिंक पर ऑनलाइन देखा जा सकता है

https://consumeraffairs.nic.in/sites/default/files/file-uploads/latestnews/Draft%20Rules%20for%20Clinical%20Electrical%20Thermometer%20with%20Maximum%20Device.pdf

 

 

न्यूज़ सोर्स : PIB