इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण की तीन कंपनियों ने

धोखाधड़ी कर 297 करोड़ रूपये सब्सिडी ली  


 

नई दिल्ली। गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय ( एसएफआईओ ) ने इलेक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में लगी तीन कंपनियों हीरो इलेक्ट्रिक व्हीकल्स प्राइवेट लिमिटेड, बेनलिंग इंडिया एनर्जी एंड टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड और ओकिनावा ऑटोटेक इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड पर तलाशी अभियान चलाया है। इन कम्पनियों पर आरोप है कि इन्होनें भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय ( एमएचआई ) की फास्टर अडाप्शन एण्ड मन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल ( फेम ) II योजना के धोखाधड़ी 297 करोड़ रुपये की सब्सिडी का लाभ लिया है ।

       भारत में इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहनों को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2019 में फेम II योजना शुरू की गई थी। फेम-II योजना और चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम ( पीमपी ) दिशा-निर्देशों में, इस योजना के तहत सब्सिडी का पात्र होने के लिए वाहन के कुछ प्रमुख घटकों का भारत में विनिर्माण निर्धारित किया गया था। सब्सिडी का दावा करने के लिए तीनों कंपनियों ने भारी उद्योग मंत्रालय को लागू दिशा-निर्देशों का  भ्रामक अनुपालन दिखाया था, जिसे बाद में गलत और झूठा पाया गया।

गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय द्वारा जांच करने पर पता चला कि  पीएमपी दिशानिर्देशों के तहत कई प्रतिबंधित कलपुर्जों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से चीन से आयात किया गया था, जिससे फेम-II के तहत चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम के दिशानिर्देशों का उल्लंघन हुआ है।

तलाशी अभियान के दौरान डिजिटल डेटा, पुस्तकें और अन्य सामग्री जैसे साक्ष्य भी बरामद किए गए हैं। आगे की जांच जारी है।

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