आपका दिन शुभ हो, मंगलमय हो ........ आज का चिंतन....................बातचीत - सलीका................ संजय अग्रवाल

आपका दिन शुभ हो, मंगलमय हो
आज का चिंतन
- संजय अग्रवाल
बातचीत - सलीका
हम जब भी किसी से
बातचीत करते हैं
तो हमें लगता है कि
हम बहुत अच्छी बात कर रहे हैं
अच्छे तरीके से कर रहे हैं
और जो आवश्यक है
वही बात कर रहे हैं।
लेकिन हम यह नहीं सोच पाते कि
सामने वाले की दृष्टि में
हमारी बात कितनी अच्छी है
या सही है या आवश्यक है।
ज्ञान और समझ
दो लोगों के ज्ञान में,
उनकी जानकारी में,
उनकी समझ में,
उनके समझने की क्षमता में,
और शब्दावली में
अंतर होता ही है
और यह नितांत
स्वाभाविक बात है।
अतः बातचीत में हमारे
ज्ञान और समझ की अपेक्षा
यह महत्वपूर्ण हो जाता है कि
सामने वाले का ज्ञान और
समझ और उसकी
क्षमता इत्यादि क्या है,
कितनी है और
उसी के अनुसार हमें
अपनी बात
प्रस्तुत करनी होती है।
मत भिन्नता
दो लोगों का मत सदैव
एक सा नहीं होता है
उसमें अंतर होता है
लेकिन वह मतभेद
मनभेद ना बन जाए
यह हमें सुनिश्चित
करना होता है
और यही परिपक्वता की
निशानी मानी जाती है।
प्रस्तुतीकरण
अपनी बात को
इस प्रकार से रखा जाए कि
सामने वाले को वह सहज ही
समझ में आ जाए और
समझ नहीं पाने की स्थिति में
वह खुलकर पूछ सके
इतना विश्वास और आश्वस्ती
हमारी तरफ से
उसके मन में अवश्य हो।
हम पहले उसकी बात को
पूरा सुन पाएं और फिर
स्पष्ट तौर पर,
सहज रूप से,
अपनी बात रख पाएं
यही अभीष्ट होता है।
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श्री संजय अग्रवाल आयकर विभाग, नागपुर में संयुक्त आयकर आयुक्त हैं. वे हमेशा लोगों से सम्पर्क और संवाद करने के लिये इच्छुक रहते हैं। इसीलिए वे संपर्क, संवाद और सृजन में सबसे अधिक विश्वास करते हैं। मानवीय मूल्यों और सम्बंधों के सूक्ष्म विश्लेषण के चितेरे श्री अग्रवाल "आज का चिंतन" नियमित रूप से लिख रहे हैं।