लखनऊ । राष्ट्रपति चुनाव में क्रास वोटिंग के बाद समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सुहेलदव भारतीय समाज पार्टी के ओम प्रकाश राजभर से किनारा कर लिया है। इसके बाद राजभर ने दावा किया था कि वह अब बीएसपी के साथ जा सकते हैं। हालांकि, बीएसपी चीफ मायावती से उनकी मुलाकात या बातचीत की कोई जानकारी नहीं आई थी। यहां तक की मायावती की ओर से भी ऐसा कोई इशारा नहीं मिला था, जिससे लगे कि वह ओपी राजभर के साथ गठबंधन के लिए उत्सुक हों। इस बीच राजभर के दावे को बीएसपी के नेशनल को-ऑर्डिनेटर ने बड़ा झटका दे दिया है। मायावती के भतीजे और बीएसपी के नैशनल को-ऑर्डिनेटर आकाश आनंद ने किसी का नाम लिए बिना एक ट्वीट के जरिए राजभर की मंशा पर पानी फेर दिया है और यह साफ कर दिया है कि बीएसपी फिलहाल किसी के साथ गठबंधन पर विचार नहीं कर रही है। आनंद ने बिना नाम लिए राजभर को अवसरवादी और स्वार्थी बताकर हमला बोला है। अपने ट्वीट में उन्होंने कहा, 'बीएसपी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के शासन-प्रशासन, अनुशासन की पूरी दुनिया तारीफ करती है। कुछ अवसरवादी लोग बहनजी के नाम के सहारे अपनी राजनीति की दुकान चलाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे स्वार्थी लोगों से सावधना रहने की जरूरत है।
बता दें कि विधानसभा चुनाव और हालिया लोकसभा उपचुनाव में सपा की हार के बाद अखिलेश यादव पर लगातार हमलावर रहे ओम प्रकाश राजभर को समाजवादी पार्टी ने चिट्ठी लिखकर कहीं भी जाने के लिए स्वतंत्र होने बात कही थी। सपा की चिट्ठी में आरोप लगाते हुए कहा गया था कि राजभर बीजेपी को मजबूत करने में जुटे हैं। इससे पहले राजभर ने भी सपा से 'तलाक' की मांग की थी। बाद में जब सपा की चिट्ठी आई तो राजभर ने कहा कि उन्होंने (सपा ने) हमे तलाक दे दिया है और वह हमें कबूल है। इस तरह से चुनाव पूर्व बना यह गठबंधन टूट गया। राजभर से उनके अगले कदम के बारे में जब पूछा गया तो उन्होंने बसपा के साथ जाने के संकेत दिए थे। हालांकि, बीएसपी की ओर से इस पर कोई स्पष्टीकरण अब तक नहीं दिया गया था। अब आकाश आनंद के ट्वीट को ही बीएसपी की ओर से इस गठबंधन की संभावना पर दी गई आधिकारिक प्रतिक्रिया माना जा रहा है, जो कम से कम राजभर के लिए सुखद संकेत नहीं है।