कड़ाके की ठंड में भी बेफिक्र होकर एम्स भोपाल आयें
कड़ाके की ठंड में भी बेफिक्र होकर एम्स भोपाल आयें
भोपाल। इन दिनों भोपाल में कड़ाके की ठंड पड़ रही है और ऐसे में कोई बीमार हो जाए तो मरीज के साथ जाने वाले को चिंता रहती है कि वह ठंड से बचाव कैसे करे ? यदि आप भोपाल के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) आ रहे हैं तो कोई चिंता की बात नहीं। मरीज को तो वार्ड में अनुकूल वातावरण मिल ही जाता है और मरीजों के साथ आने वाले परिजनों के लिये एम्स के परिसर में रेन बसेरा की व्यवस्था उपलब्ध करा दी गई और ठंड से बचाव के लिए अलाव की भी।
एम्स भोपाल में पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग स्थायी रैनबसेरा बनाए गए हैं जिनमें प्रथक 500 - 500 लोगों के ठहरने की व्यवस्था है। इसके अलावा एक अस्थायी रैनबसेरा भी स्थापित किया गया है जिसमें भी 500 लोग ठहर सकते हैं। इस रेन बसेरा में गद्दे, कंबल, पानी और सार्वजनिक शौचालय जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं ।
एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह की पहल पर रेन बसेरा और अलाव की व्यवस्था की गई है। इन व्यवस्थाओं को उपलब्ध कराने का मुख्य उद्देश्य कड़ाके की इस ठंड मौसम में हर जरूरतमंद को ठंड और इससे होनी वाले दुष्प्रभावों से आगंतुकों को बचाना है। डा. सिंह ने बताया कि यह सुविधा विशेष रूप से पमरीजों के परिजनों, सुरक्षा कर्मियों और अन्य जरूरतमंद व्यक्तियों के लिए शुरू की गई है, ताकि वे ठंड से राहत पा सकें। इसके अतिरिक्त, एम्स भोपाल ने रात में रुकने के लिए व्यापक सुविधाओं की व्यवस्था की है। प्रो. सिंह ने बताया कि एम्स भोपाल समाज के लिए एक मजबूत स्तंभ की तरह खड़ा है, और जरूरतमंदों की भलाई के लिए समर्पित है। उन्होने कहा कि एम्स भोपाल जरूरतमंद लोगों को मदद करना निरंतर अपने प्रयासों को जारी रखेगा ।