प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ में नक्सलियों की वित्तीय मदद को लेकर एक माओवादी समर्थक की 29.7 लाख रुपये कीमत की कृषि भूमि अटैच की है। अधिकारियों ने बताया कि अटैच की गई कृषि भूमि छत्तीसगढ़ के राजनंदगांव जिले में है और यह जमीन अश्विनी वर्मा और उसके छोटे भाई तामेश वर्मा के नाम पर है। ईडी ने अपनी जांच अश्विनी वर्मा और अन्य के खिलाफ छत्तीसगढ़ पुलिस की एफआईआर और 30 अक्तूबर, 2018 को दाखिल अंतिम रिपोर्ट के आधार पर शुरू की थी। इन लोगों पर प्रतिबंधित नक्सल संगठन की मदद करने का आरोप है। जांच में पता चला कि अश्विनी वर्मा ने नक्सलियों से बंद किए जा चुके 1000 और 500 के नोट लिए थे और इन नोटों को अलग-अलग लोगों को स्थानीय किसानों को दिया। इसके बदले में इन लोगों से अनाज और कृषि उत्पाद खरीदे गए। बाद में इन कृषि उत्पादों और अनाज को बेचकर पैसा हासिल किया गया। साथ ही अश्विनी वर्मा ने इस पैसे से राजनंदगांव में 29.75 लाख रुपये में कृषि भूमि खरीदी।