लखनऊ । प्रदेश में इलेक्ट्रानिक्स उत्पादों की विनिर्माण के लिए दो सौ करोड़ से अधिक निवेश वाली पांच परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। इन इकाईयों के स्थापित होने से कुल 1550 करोड़ रुपए का निवेश होगा।वहीं 26 हजार से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा। उप्र इलेक्ट्रानिक्स मैन्युफैक्चरिंग नीति के तहत इन्हें विभिन्न तरह की छूट दिए जाने को गुरुवार को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। इन निवेशकों के द्वारा वाश‍िंग मशीन, एलईडी, टीवी, टच पैनल, लिक्विड क्रिस्टल माड्यूल व स्मार्ट फोन इत्यादि के विनिर्माण की इकाईयां स्थापित की जाएंगी।इन इकाईयों को विभिन्न छूट दिए जाने पर सशक्त कमेटी के अनुमोदन के बाद मंत्रिपरिषद ने भी अपनी मंजूरी दे दी। इन्हें स्टांप शुल्क में छूट व सस्ते में भूमि उपलब्ध कराने सहित अन्य छूट दिए जाने से आगे आठ वर्षों में राज्य सरकार पर 253 करोड़ का वित्तीय भार पड़ेगा।औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में लैंड बैंक बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश औद्योगिक क्षेत्र विकास अधिनियम 2020 में संशोधन का प्रस्ताव भी कैबिनेट में रखा गया।इसके तहत उद्योगों की स्थापना तथा आइटी से संबंधित इकाईयों को लीज पर भूमि आवंटित करना शामिल है। कोरोना की लंबी अवधि के कारण अधिनियम में दी गई अवधि को 31 दिसंबर 2022 तक के लिए बढ़ा दिया गया है।