जी20 के सदस्य देशों के नेता अगले सप्ताह बाली में मुलाकात करेंगे तो उनके बाली कॉम्पैक्ट पर प्रतिबद्धता जताये जाने की संभावना है जो जी20 देशों के ऊर्जा मंत्रियों द्वारा सितंबर में तय नौ सिद्धांतों का सेट है। इसके केंद्र में तेजी से अक्षय ऊर्जा को अपनाने की ओर बढ़ने की योजना है। जी20 के अध्यक्ष के रूप में इंडोनेशिया ने मिलकर उबरेंगे, मिलकर मजबूत होंगे की थीम दी है और वह ऊर्जा संकट के साथ स्वास्थ्य तथा समृद्धि पर जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभावों के अध्ययन की जरूरत पर तथा टिकाऊ ऊर्जा अंतरण पर मंथन कर रहा है। कोविड-19 महामारी के बाद इस साल के भू-राजनीतिक तनाव और संबंधित प्रतिबंध इशारा कर रहे हैं कि विकसित अर्थव्यवस्थाएं ऊर्जा सुरक्षा के साथ संघर्ष कर रही हैं। इस बीच कई विकासशील अर्थव्यवस्थाएं अब भी ऊर्जा तक पहुंच के लिए जूझ रही हैं। जी20 के अध्यक्ष के रूप में, इंडोनेशिया दोनों चिंताओं पर विचार करने की कोशिश कर रहा है। ऐसा करने में मदद का कोई विकल्प बाली कॉम्पैक्ट में नहीं है।
पिछले साल जी20 की इटली की अध्यक्षता के दौरान ऊर्जा सुरक्षा तथा बाजार स्थिरता को बढ़ाने में डिजिटलीकरण की भूमिका को चिह्नित किया गया। लेकिन ऊर्जा परिवर्तन को प्रेरित करने में डिजिटलीकरण तथा प्रौद्योगिकी की भूमिका बाली कॉम्पैक्ट से नदारद है। जी20 के डिजिटल अर्थव्यवस्था मंत्रियों ने टिकाऊ और अक्षय ऊर्जा समेत कई क्षेत्रों में नवाचार बढ़ाने के लिए सहयोग को बढ़ावा दिया है। इसके बाद भी ऊर्जा सुरक्षा तथा ऊर्जा मिलने में डिजिटल नवाचार को अपनाने को प्रोत्साहित करने में ऊर्जा मंत्रियों ने बहुत कम प्रगति की है।