जयपुर । प्रदेश में जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत सतही जल स्रोत पर आधारित वृहद पेयजल योजनाओं में 'वाटर रिजर्वेशन' के विषय पर जलदाय मंत्री डॉ. महेश जोशी एवं जल संसाधन मंत्री महेंद्रजीत सिंह मालवीय की अध्यक्षता में शासन सचिवालय के कांफ्रेंस हॉल में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग (पीएचईडी) एवं जल संसाधन विभाग (डब्ल्यूआरडी) की संयुक्त बैठक आयोजित हुई।
बैठक में डॉ. जोशी एवं मालवीय ने कहा कि प्रदेश में सतही जल स्रोतों से जेजेएम की पेयजल परियोजनाओं में अतिरिक्त पानी की उपलब्धता के लिए दोनों विभागों द्वारा आपसी समन्वय और सहयोग की भावना से सतत प्रयास किए जा रहे हैं, जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए है। आगे भी सभी स्तरों पर इसी प्रकार सामंजस्य से 'वाटर रिजर्वेशन' के मुद्दे पर अधिकारी संयुक्त रूप से एक्सरसाईज करते हुए आगे बढ़े। उन्होंने कहा कि जेजेएम के तहत मुख्यमंत्री की बजट घोषणा से सम्बंधित योजनाओं को समयबद्ध रूप से आगे बढ़ाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है, दोनों विभागों के अधिकारी इसी परिप्रेक्ष्य में तत्परता से निर्णय लेते हुए 'जल आरक्षण' के लिए युक्तियुक्त समाधान का मार्ग प्रशस्त करें। बजट घोषणाओं से सम्बंधित परियोजनाओं के कार्यों को पूरा करना हमारी जिम्मेदारी है। जलदाय मंत्री एवं जल संसाधन मंत्री के समक्ष प्रस्तुतीकरण में बीसलपुर बांध से अजमेर जिले की 6, जयपुर की 5 एवं टोंक की 2, चम्बल नदी से धौलपुर, अलवर, भरतपुर एवं सवाईमाधोपुर जिलों की 4 तथा देवास-तृतीय एवं देवास-चतुर्थ से उदयपुर-मानसी वाकल तृतीय व चतुर्थ और वहां से उदयपुर एवं जवाई बांध में डायजर्वन के आधार पर प्रस्तावित पेयजल परियोजनाओं में 'वाटर रिजर्वेशन' के बारे में विचार विमर्श किया गया। डॉ. जोशी एवं श्री मालवीय ने अधिकारियों से कहा कि प्रदेश में सतही जल स्रोतों से व्यर्थ बह कर चले जाने वाले पानी को संरक्षित कर उपयोग में लेने के उद्देश्य से प्रोजेक्ट तैयार करने की संभावनाएं भी तलाशें।