बाराबंकी। हॉकी के सुप्रसिद्ध खिलाड़ी कुँवर दिग्विजय सिंह उर्फ के.डी सिंह बाबू की 22वीं पुण्यतिथि पर महात्मा गांधी स्पोर्ट्स क्लब के तत्वावधान में पुलिस लाइन चौराहा स्थित प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस दौरान पुलिस लाइन ग्राउंड से कंपनी बाग चौराहा तक खिलाड़ियों ने पैदल मार्च निकालकर के.डी सिंह बाबू अमर रहे का उद्घोष किया। इस मौके पर पर्यावरणविद विजय प्रताप सिंह ने के.डी सिंह बाबू की प्रतिमा स्थल पर पौधरोपित गमले दान किए। इस मौके पर वरिष्ठ हॉकी खिलाड़ी एवं महात्मा गांधी स्पोर्ट्स क्लब के अध्यक्ष सलाउद्दीन किदवई ने बताया कि के.डी सिंह बाबू एक अच्छे खिलाड़ी ही नहीं बल्कि शानदार इंसान भी थे। उन्होंने ड्रिबलिंग और रतार से पूरी दुनिया में नाम कमाया। उन्होंने हॉकी के सैकड़ों धुरंधर खिलाड़ी भी तैयार किए। जिन्होंने देश विदेश में भारत का नाम ऊंचा किया। महात्मा गांधी स्पोर्ट्स क्लब के संस्थापक राजनाथ शर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश का जो मौजूदा खेल ढांचा है वह के.डी सिंह बाबू की देन माना जाता है। उन्होंने पचास के दशक में उत्तर प्रदेश खेल परिषद का गठन करवाया। वह इसके मुखिया रहे। 1974 में यह प्रदेश खेल निदेशालय में परवर्तित हुआ। केडी सिंह बाबू उसके पहले निदेशक बने। प्रख्यात साहित्यकार अजय सिंह गुरुजी ने कहा कि के.डी सिंह बाबू ने हॉकी के खेल को नए मुकाम तक पहुंचाया। आज भी खिलाड़ी उनसे प्रेरणा लेते हैं। 27 मार्च 1978 को के.डी सिंह बाबू की मृत्यु हुई। उनके निधन के उपरांत शहर के स्टेडियम को के.डी सिंह बाबू स्टेडियम का नाम दिया गया। उक्त मौके पर मुख्य रूप से विनय कुमार सिंह, विजय अवस्थी, पाटेश्वरी प्रसाद, अनिल गुप्ता, मुजीब अहमद, धनंजय शर्मा, निसार अहमद, डॉ विक्रम सिंह, आर्यन शर्मा, अखलाक अन्सारी, मो समद, अयाज़ अंसारी, महफूज अंसारी, दीपक, तौफीक अहमद मृत्यंजय शर्मा आदि कई हॉकी खिलाड़ी एवं गणमान्य लोग मौजूद रहे।