गुवाहाटी| केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को गुवाहाटी में पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों और शीर्ष पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में नशीली दवाओं से खतरे की जांच के लिए कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने पहले 75,000 किलोग्राम नशीले पदार्थो को नष्ट करने का फैसला किया था और यह खुशी की बात है कि एनसीबी पहले ही लगभग 1.5 लाख किलोग्राम मादक पदार्थो को नष्ट कर लक्ष्य को पार कर चुका है।

उन्होंने कहा, "लेकिन, ड्रग्स के खिलाफ जंग अभी खत्म नहीं हुई है। हमने ड्रग्स मुक्त भारत का सपना देखा है और इसके लिए सभी हितधारकों को मिलकर काम करना चाहिए।"

शाह ने आगे कहा कि पूरे देश में फैले नशीली दवाओं के खतरे से निपटने के लिए केंद्र सरकार ने दोतरफा दृष्टिकोण तैयार किया है।

उन्होंने कहा, "नशीले पदार्थो की तस्करी में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी, जबकि जो पीड़ित हैं और इस दुष्चक्र में पड़ गए हैं, उन्हें समाज की मुख्यधारा में लाने के लिए सरकारी तंत्र काम करेगा।"

केंद्रीय गृहमंत्री ने यह भी कहा कि मादक पदार्थ मुख्य रूप से म्यांमार और अफगानिस्तान से देश में लाए गए थे। उन्होंने यहां एनसीबी अधिकारियों और सुरक्षाकर्मियों के साथ बैठक में अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर चौकसी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं।

शाह ने पूर्वोत्तर राज्यों में लगभग 40,000 किलोग्राम नशीले पदार्थो को नष्ट करने के अभियान का वर्चुअल तौर पर उद्घाटन किया है।

आधिकारिक बयान के अनुसार, असम में लगभग 11,000 किलोग्राम, अरुणाचल प्रदेश में 8,000 किलोग्राम, मेघालय में 4,000 किलोग्राम, नागालैंड में 1,600 किलोग्राम, मणिपुर में 398 किलोग्राम, मिजोरम में 1900 किलोग्राम, त्रिपुरा में 1500 किलोग्राम और त्रिपुरा में 12,000 किलोग्राम नशीली दवाएं शनिवार को नष्ट की गईं।