लखनऊ । यूपी में सीएम योगी आदित्‍यनाथ के दूसरे कार्यकाल में शासकीय योजनाओं के अमलीकरण का काम तेजी से जारी है। सीएम योगी के निर्देशानुसार 100 दिवसों की कार्ययोजना के तहत शिक्षा विभाग की ओर से सफलतापूर्वक अपनो लक्ष्‍यों को हासिल किया है जिसका परिणाम है कि स्‍कूल चलो अभियान को जनांदोलन के रूप में लेते हुए एक करोड़ 90 लाख छात्रों का नामाकंन किया जा चुका है। साल 2017 से अब तक 40 लाख नए छात्रों को जोड़ा गया है। ये बातें रविवार को लोकभवन में आयोजित बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से प्रेस कॉन्‍फ्रेंस में मंत्री स्‍वतंत्र प्रभार संदीप सिंह ने कहीं। उन्‍होंने कहा कि नाबार्ड के सहयोग से आने वाले चार सालों में तीन बड़े कार्यक्रम शुरू करने जा रहे हैं। जिसमें पहले कार्यक्रम में प्रदेश के सभी जिलों में एक-एक मॉड्यूल कंपोजिट स्‍कूल बनाएंगे जिसमें एक से 12 तक के स्‍कूल एक जगह पर होंगे। इसके साथ ही अभ्‍युदय कंपोजिट स्‍कूल और नाबार्ड के सहयोग से 5000 स्‍मार्ट क्‍लास को संचालित करेंगे।
मंत्री संदीप सिंह ने आगे कहा कि योगी सरकार ने छात्रों को न सिर्फ स्‍कूलों में दाखिला कराया बल्कि उनको शिक्षा से जोड़ते हुए अभिभावकों में एक विश्‍वास जगाया है। परिषदीय स्‍कूलों की सूरत में काफी बदलाव हुआ है। यही कारण है कि छात्रों की संख्‍या में तेजी से इजाफा हुआ है। उन्‍होंने कहा कि‍ प्रेरणा पोर्टल पर छात्रों का प्रमाणीकरण भी किया जा रहा है। वहीं 1।48 करोड़ अभिभावकों का आधार प्रमाणीकरण कर उनको डीबीटी के जरिए धनराशि भी दी जा चुकी है। बेसिक शिक्षा मंत्री ने कहा कि परिषदीय स्‍कूलों में सभी नामांकित बच्‍चों का आधारीकरण किया जा रहा है। अभी तक विभाग की ओर से एक करोड़ दस लाख बच्‍चों का प्रमाणीकरण और एक करोड़ 66 लाख बच्‍चों का आधार कार्ड भी बनाया गया है।
स्‍कूल चलो अभियान के तहत ईंट भट्टों पर काम कर रहे बच्‍चों को शिक्षा से जोड़ने का काम किया गया है। जिसके तहत 3 लाख 96 हजार से अधिक बच्‍चों को जोड़ा गया है। प्रदेश के 2 लाख 55 हजार से अधिक दिव्‍यांग बच्‍चों को शिक्षा से जोड़ा गया है। उन्‍होंने कहा कि पांच सालों में 6 हजार करोड़ की धनराशि व्‍यय कर स्‍कूलों का कायाकल्‍प किया गया। प्रदेश में निपुण भारत मिशन के तहत कोविड काल में शिक्षा के गैप को दूर करने के लिए 22 हफ्तों का मॉड्यूल बनाया गया है। जिसको जनआंदोलन के रूप में शुरू किया जाएगा। कैशलेस चिकित्‍सा सुविधा से छह लाख शिक्षकों शिक्षामित्रों को लाभ मिलेगा।