लखीमपुर खीरी । उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के गठित होने के बाद अब एक बार फिर किसान संगठन आंदोलित हो रहे हैं। लखीमपुर खीरी में एक बार फिर किसान नेता जुटने वाले हैं। शनिवार को भारतीय किसान यूनियन ने बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले यूनियन 5 मई को लखीमपुर खीरी पहुंच रहे हैं। बीते साल 3 अक्टूबर को लखीमपुर में किसानों की मौत के बाद हिंसा भड़क गई थी। उस दौरान कुल 8 लोगों की मौत हो गई थी। बीकेयू का कहना है कि किसान मृतकों को इंसाफ दिलाने के लिए लखीमपुर पहुंच रहे हैं।
समाचार के मुताबिक, भारतीय किसान यूनियन (पंजाब) के महासचिव हरिंदर सिंह लाखोवाल ने कहा कि एसकेएम के बैनर तले किसान यूनियन बीते साल मारे गए किसानों को इंसाफ सुनिश्चित करने के लिए 5 मई को लखीमपुर खीरी पहुंचेंगे। उन्होंने बताया कि पंजाब से किसान 4 मई को रवाना होंगे और रास्ते में राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के किसानों के साथ लखीमपुर खीरी जाएंगे।
लखीमपुर खीरी की घटना में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा का नाम आरोपी के तौर पर सामने आया था। फरवरी में इलाहबाद उच्च न्यायालय ने मिश्रा को जमानत दे दी थी, लेकिन अप्रैल में ही सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को खारिज करते हुए मिश्रा की जमानत रद्द कर दी थी। साथ ही आरोपी को एक सप्ताह के भीतर सरेंडर करने के लिए भी कहा गया था। इसके बाद मिश्रा ने 24 अप्रैल को सरेंडर कर दिया था।
दरअसल, लखीमपुर खीरी घटना के दौरान जान गंवाने वालों के परिजनों ने जमानत के खिलाफ शीर्ष कोर्ट का रुख किया था। घटना के बाद मिश्रा को 9 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। बीते साल अक्टूबर में लखीमपुर खीरी में चार किसानों समेत 8 लोगों की मौत हो गई थी। मिश्रा ने केंद्र के कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों पर कथित तौर पर गाड़ी चढ़ा दी थी। घटना की जांच के लिए शीर्ष अदालत ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज राकेश कुमार जैन की अगुवाई में समिति गठित की थी।