कानपुर। मुठभेड़ में ढेर गैंगस्टर विकास दुबे की दबंगई का आखिरी ताला 18 महीने बाद टूटा। अब बिकरू के पंचायत भवन में 10 महीने बाद ताला तोड़कर नए प्रधान ने कदम कदम रखा है। इससे पहले पंचायत भवन पर खुद विकास दुबे ने ताले लगाए थे। क्योकि पंचायत भवन बनने के बाद से ही विकास दुबे ने उस पर कब्जा कर ताला डाल रखा था। उसकी दहशत इतनी थी कि किसी ने भी इस दौरान कभी पंचायत भवन का ताला खोलने की हिम्मत नहीं की थी। जानकारी के अनुसार विकास दुबे ने पंचायत भवन में ताला 2 जुलाई 2020 को लगाया था। बिकरू कांड के बाद प्रशासन ने विकास के भाई की पत्नी अंजलि को प्रधान पद से बर्खास्त करके नया चुनाव कराया था।
  इस चुनाव में गांव के दलित वर्ग से संजय की पत्नी मधु चुनाव तो जीत गई थी। लेकिन विकास के आतंक और दहशत की वजह से उनकी या किसी अधिकारी की हिम्मत नहीं हो रही थी कि वो पंचायत भवन का ताला तोड़ दें। एक साल पहले 2 जुलाई 2020 को कानपुर जिला स्थित बिकरू गांव गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठा था। आधी रात को करीब 12:45 बजे बिकरू गांव में गैंगस्टर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने डीएसपी और एसओ समेत 8 पुलिसकर्मियों की हत्या कर दी थी। एक-एक पुलिसकर्मी को दर्जनों गोलियां मारी गई थीं। पुलिस और एसटीएफ ने मिलकर आठ दिन के भीतर विकास दुबे समेत छह बदमाशों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया था। अभी 45 आरोपी जेल में बंद हैं। केस का ट्रायल चल रहा है।