बिलासपुर ।  मस्तूरी में हुए फूड इंसपेक्टरों द्वारा शासकीय उचित मूल्य दुकानदारों से उगाही का मामला अब तूल पकडऩे लगा है। मामले में कार्यवाही नहीं होने से नाराज जनप्रतिनिधियों नें खाद्य मंत्री से शिकायत करनें का मन बनाया है।
मामला सीपत और मस्तूरी में पदस्थ आशीष दीवान और प्रीति चौबे फूड इंसपेक्टरों से जुड़ा हुआ है इन पर जनप्रतिनिधियों सहित शासकीय उचित मूल्य की दुकानें संचालित करने वाले दुकानदारों नें हर माह एक मोटी रकम उगाही किए जाने की शिकायत कलेक्टर बिलासपुर से की है। जनपद पंचायत मस्तूरी की जनपद सदस्य विनीता रज्जू भार्गव और जनपद पंचायत मस्तूरी के सभापति नूर मोहम्मद नें अपने लेटर हेड बाकायदा मस्तूरी के फूड इंस्पेक्टर आशीष दीवान और प्रीति चौबे द्वारा हर माह 1100 रुपए की मांग की जाती है जैसे गंभीर आरोप लगाया गया है और दुकान संचालकों की नाराजगी का जिक्र करते हुए उन्हें अन्यंत्र स्थानांतरित किए जाने की मांग की है। नूर मोहम्मद नें अपने शिकायत पत्र पर दुकानदारों के खाते में आए उन रूपयों का जिक्र किया है जो उन्हें पिछले दो सालों में कोरोना काल में हितग्राहियों को बांटे गए राशन के एवज में सरकार द्वारा कमीशन मिला है उस कमीशन की राशि पर भी फूड इंसपेक्टरों द्वारा दुकानदारों से राशि की मांग की जा रही है। इतना ही नहीं एक दुकान संचालक ने बताया कि दोनों फूड इंस्पेक्टर द्वारा एक व्यक्ति जिसका नाम मजहर बताया जा रहा है,को भेज कर रुपए की डिमांड की जाती है यही व्यक्ति बिलासपुर घोषणा पत्र लेने जाने पर हर माह 1100 रुपए सभी दुकानदारों से लेता है इसी व्यक्ति नें कोरोना काल में बाटें गए राशन का कमीशन खाते में आने के बाद 30 हजार रुपए की मांग की थी।