घर के मुख्य द्वार से बदल सकती है आपकी किस्मत
वास्तु शास्त्र के अनुसार, एक निवास स्थान घर जो सही प्रकार की सकारात्मक ऊर्जा को प्रवाहित करता है उस स्थान पर मौजूद समस्त चीजों में उस सकारात्मकता का असर स्पष्ट रुप से देखा जा सकता है.
घर का मुख्य द्वारा भी वास्तु शास्त्र के अनुसार बहुत अधिक महत्व रखता है क्योंकि इसी द्वारा घर पर ऊर्जाओं का आगमन होता है. परिवार के लोगों पर घर के मुख्य द्वारा का बहुत गहरा असर पड़ता है. एक शुभ उन्नत मुख्य द्वारा सभी लोगों के भाग्य को प्रभावित करने में सक्षम होता है.
किसी भी जगह की शुभता उस जगह मौजूद वहां की सकारात्मक उर्जा द्वारा ही संभव हो पाती है. शुभ स्थान पर रहने वाले लोगों प्राणियों के स्वास्थ्य और खुशी के लिए वह ऊर्जा अत्यम्त ही महत्वपूर्ण स्त्रोत बनती है. वास्तु शास्त्र एक संपन्न परिपूर्ण पारंपरिक विज्ञान है जो हमारे घरों को सकारात्मक ऊर्जा से भर देने के लिए हमारी सहायता करता है. शुभता को सभी प्रकार से जीवन में स्वागत योग्य बनाने में एक सरल सुगम मार्गदर्शक के रूप में कार्य करता है. वास्तु शास्त्र एक मूलभूत सिद्धांत पर काम करता है जिसे ऊर्जा कहा जाता है. आपके आस-पास की ऊर्जा हीआपके जीवन को पोषित करने हेतु उत्तम मार्ग बनती है. इस समस्त ब्रह्माण की ऊर्जा का प्रवाह किसी न किसी रुप में प्रवाहित होता ही रहता है.
घर हो या स्थान के आस पास की उर्जा का प्रवाह जितना अच्छा होगा उस स्थान में संपन्नता भी उसी के स्वरुप में पनप सकती है. यदि आपने अभी-अभी नया घर खरीदा है या आप उसमें जाना चाहते हैं, तो आप अपने घर के मुख्य द्वारा को सही दिशा में ले जाने के लिए कुछ आसान वास्तु युक्तियों को अपना कर स्थान कि शुभता को बढ़ा सकते हैं.
मुख्य द्वार के लिए वास्तु:
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर का मुख्य द्वार ऊर्जा के लिए सबसे महत्वपूर्ण आधार होता है. मुख्य द्वारा ही जीवन ऊर्जा का भी महत्वपुर्ण बिंदू बनता है. जब घर से बाहर निकलते हैं, तो उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा का सामना करना शुभ माना जाता है क्योंकि यह दिशा जीवन में सफलता और समृद्धि की दिशा का प्रतीक होती है. मुख्य द्वारा घर के मुख्य की ही घर को सुरक्षा प्रदान करने वाला अंग बनता है जिसके भीतर एक अलग ही संसार सिमटा होता है.
मुख्य द्वार घर में सबसे अधिक सौंदर्य की दृष्टि से मनभावन होना चाहिए. एक बुनियादी वास्तु टिप यह है कि मुख्य द्वार को अन्य दरवाजों से अलग ऊपर टावर की आवश्यकता होती है. यह आदर्श रूप से लकड़ी से बना होना चाहिए. मुख्य द्वारा के समक्ष उत्पन्न होने वाली सकारात्मक ऊर्जा का आधार किसी भी प्रकार से बाधित नहीं होना चाहिए. इसके अलावा उसके सामने बाहर जूते की रैक या कूड़ेदान नहीं होना चाहिए.
मुख्य द्वार का दक्षिणावर्त दिशा में खुलना अनुकूल माना जाता है. द्वारा को काले रंग से नहीं रंगना चाहिए क्योंकि इसे अशुभ माना जाता है, और यह मुख्य द्वारा बाथरूम के करीब नहीं होना चाहिए. मुख्य द्वारा के सम़ शोपीस जैसे अतिरिक्त तत्वों को नहीं रखा जाना चाहिए. प्रवेश द्वार को सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने जैसा निर्मित करना चाहिए. घर में प्रवेश के लिए ये आसान वास्तु टिप्स शुभ सकारात्मक उर्जा को आकर्षित करने वाले होते हैं तथा आपके घर में बाहर से सकारात्मक ऊर्जा का आगमन भी करवाते हैं.
अपने घर में सकारात्मक ऊर्जा को जोड़ना चाहते हैं तो इसके लिए घर के पौधों और ताजे फूलों का प्रयोग करना भी बहुत शुभ माना जाता है. वास्तु शास्त्र या फेंग शुई में कुछ पौधों को घर के मुख्य स्थान हेतु शुभ माना जाता है. घर के प्रवेश द्वारा पर इन पौधों को रखा जा सकता है. अनुकूल वातावरण बनाने के लिए घर के मुख्य द्वारा हेतु इन आसान वास्तु युक्तियों का पालन करना बहुत शुभ होता है. इससे आपको और आपके परिवार को सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.