राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू 19 सितम्बर को

डी.ए.वी.वी. में पी.एच.डी. की उपाधि प्रदान करेंगी.

इंदौर – राष्ट्रपति श्रीमती दौपदी मुर्मू 10 सितम्बर को इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में आयोजित एक गरिमामय समारोह में पी.एच.डी. धारक विद्वानों को उपाधि प्रदान कर सम्मानित करेंगी. इस सम्बंध में आज पीएचडी विद्वानों के एक प्रतिनिधिमंडल ने विश्वविदायल की कुलगुरू (कुलपति) डॉ. रेनू जैन से मुलाकात की और अपनी प्रतिष्ठित डॉक्टरेट डिग्री भारत के राष्ट्रपति  से 19 सितंबर 2024 को होने वाले दीक्षांत समारोह में प्राप्त करने के लिए औपचारिक अनुरोध प्रस्तुत किया। यह प्रतिनिधित्व विद्वानों की सामूहिक इच्छा से प्रेरित था कि उनकी शैक्षणिक उपलब्धियों को देश के सर्वोच्च कार्यालय द्वारा आयोजित एक समारोह में मान्यता दी जाए, जो न केवल उनके कठोर शोध की परिणति का प्रतीक है, बल्कि ज्ञान, नवाचार और राष्ट्रीय मूल्यों के अवतार का भी प्रतीक है।

भारत के राष्ट्रपति द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान करने से विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह का कद ऊंचा हो जाएगा, जिससे राष्ट्रीय स्तर पर शैक्षणिक उत्कृष्टता और अनुसंधान नवाचार को बढ़ावा देने के लिए डीएवीवी की प्रतिबद्धता की पुष्टि होगी। पीएचडी विद्वानों का मानना है कि भारत के माननीय राष्ट्रपति से अपनी डिग्री प्राप्त करने का अवसर हम सभी के लिए एक अविस्मरणीय मील का पत्थर होगा। यह विद्वानों को देश के बौद्धिक विकास में योगदान देने और शोधकर्ताओं की भावी पीढ़ियों को प्रेरित करने के लिए प्रेरित करेगा

     19 सितम्बर को आयोजित दीक्षांत समारोह में छात्र छात्राएं जैकेट, उत्तरीय और पगड़ी पहनकर उपाधि प्राप्त करेंगे इस सम्बंध में विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने परिपत्र जारी कर दिया है। कुलसचिव द्वारा जारी पत्र में कहा गया है कि दीक्षांत समारोह में उपाधि प्राप्त करने के दौरान जैकेट, उत्तरीय और पगड़ी विश्वविद्यालय द्वारा उपलब्ध करवाई जायेंगी । इसके एवज में उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र - छात्राओं को दो हजार रूपये की राशि जमा करानी होगी। दीक्षांत समारोह के पश्चात जैकेट, उत्तरीय और पगड़ी की धुलाई पर होने वाले खर्च 300 रूपये काटकर 1700 रूपये वापस कर दिये जायेंगे