जयपुर । यूनेस्को दल ने दूसरे दिन नगर निगम जयपुर हेरिटेज के अधिकारियों के साथ शहर की चौकड़ी विशंमभर जी का 4 घंटे भ्रमण कर यूनेस्को टीम के सदस्य प्रोफेसर निंजा यंग एवं मिस्टर पॉल ने शहर की पुरानी हवेलियां, मकानों , दरवाजो  खिड़कियाओ को देखने के बाद कहा कि जयपुर शहर का हैरिटेज यूरोप से बहुत अच्छा है लेकिन जरूरत है इसको आपसी तालमेल से बेहतर तरीके से संरक्षण करने की।     
यूनेस्को  दल  के सदस्यों ने हनुमान जी का रास्ता से अपना भ्रमण शुरू करते हुए दूल्हा हाउस रोड ,रामलाल जी का रास्ता, बापू बाजार ,त्रिपोलिया बाजार, कांच की खिड़की ,जोहरी बाजार की भी विभिन्न गलियों में भ्रमण करते हुए पुरानी खिड़कियां, दरवाजे ,बिजली के पोल, जल संरक्षण की व्यवस्था ,हवेलियों के चौक में बैठने की जगह, दरवाजे व खिड़कियों पर हो रही चित्रकारी को देख कर बहुत खुशी जाहिर की। उन्होंने कहा की इन पुरानी वास्तु कला को जिंदा रखने के साथ-साथ आने वाले पर्यटकों को दिखाने के लिए आमजन के सहयोग से संरक्षण करना चाहिए। यूनेस्को की टीम ने लक्ष्मी मिष्ठान भंडार के पीछे पुराने समय से पेयजल वितरण व्यवस्था के लिए कुएं में लगाए गए पंप सेट, पुरानी हवेलियों के गेट पर बिजली के पोल ,जयपुर हवेली के मालिक द्वारा हेरीटेज हवेली का बेहतर रिनोवेशन को सराया और कहा ै कि इस तरह के प्रयास अन्य हवेलियों के मालिकों को  भी करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जयपुर शहर के हेरिटेज की हवेलियों में विदेशी पर्यटकों को आने जाने के लिए प्रोत्साहित किया जाए जिससे टूरिज्म को बढ़ावा मिले। यूनेस्को के दल के भ्रमण के समय नगर निगम जयपुर हेरिटेज के सतर्कता उपायुक्त नील कमल मीणा, अतिरिक्त मुख्य टाउन प्लानर शशिकांत, स्वशासन विभाग के सलाहकार के ओएसडी गिरिराज अग्रवाल, नगर निगम हेरिटेज के कोऑर्डिनेटर चंद्रशेखर पाराशर ,सहायक टाउन प्लानर विजय मीणा। नगर निगम हेरिटेज वास्तु विद एवं हैरिटेज संरक्षण सहलाकार चांदनी चौधरी एवं नित्या तथा द्रोण संस्थान की जो मानिटरिंग में सहयोग कर रही मेडम तान्या एवं शिखा द्वारा यूनेस्को के सदस्यों को हेरिटेज के संरक्षण के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दे रही थी।