कही-सुनी

  • कीर्ति राणा 

 

सीपीए पर सीएम सहमत

पूर्व सीएम शिवराज सिंह ने सीपीए (राजधानी परियोजना प्रशासन) को नकार दिया था।1960 में अस्तित्व में आई सीपीए को लेकर शिवराज सिंह का विचार था कि भोपाल के विकास में बीडीए, स्मार्ट सिटी, हाउसिंग बोर्ड, नगर निगम, पीडब्ल्यू जैसी एजेंसियां काम कर ही रही हैं तो सीपीए की क्या जरूरत। इसी आधार पर सीपीए को बंद कर दिया था। अब सीएम मोहन यादव को लगता है कि सीपीए भोपाल के लिये जरूरी है। अपनी दिल्ली यात्रा में उन्होंने केंद्रीय आवासन-शहरी कार्य-ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर से इसके लिये आर्थिक और तकनीकी सहयोग मांग लिया है।गौर करने लायक यह भी मंत्रिमंडल के सहयोगी लोनिवि मंत्री राकेश सिंह सीपीए की उपयोगिता नकार चुके हैं।

 

पिथोड़े भी चले दिल्ली

 

एमपी कैडर के 2009बैच के आईएएस तरुण कुमार पिथोड़े भी दिल्ली जा रहे हैं। उनकी नियुक्ति पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में निदेशक के रूप में हो गई है।वे पदभार ग्रहण करने की तिथि से पांच वर्ष तक इस पद पर रहेंगे।

 

पांच वादे और पोस्टकार्ड

 

आंदोलनकारियों को डाक तार विभाग का शुक्रगुजार होना चाहिये जो पोस्टकार्ड बंद नहीं किये हैं, वरना पोस्टकार्ड लिख कर सरकारों को जगाने का अभियान भी नहीं चल पाता।प्रदेश युवक कांग्रेस के अध्यक्ष मितेंद्र सिंह ने मुख्यमंत्री डॉ यादव को चुनाव के वक्त किये उनके पांच वादे याद दिलाने के लिये ये अभियान चलाया और अब पांच लाखों पोस्टकार्ड उन्हें सौंप भी दिये।

सीएम को उन्होंने याद दिलाया है कि युवाओं को ढाई लाख नौकरी, बहनों को 1.3 करोड़ आवास, आवेदन पत्र में लगने वाली फीस माफ, नर्सिंग घोटाले के आरोपियों की गिरफ्तारी, किसानों को एमएसपी का लाभ-एक भी वादा अब तक पूरा नहीं हुआ है।

 

इतना काम और चर्चा भी इतनी 

 

रेरा चेयरमेन अजीत प्रकाश श्रीवास्तव जितना चर्चित और कोई पूर्व चेयरमेन नहीं रहा।बिल्डरों द्वारा की गई शिकायत के बाद आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो ने शिकायत दर्ज कर जांच भी शुरु कर दी हैं। रेरा अध्यक्ष ने क्या वाकई भूखंड लेने के कॉलोनाइजरों पर दबाव बनाया यह तो जांच में सामने आएगा किंतु हकीकत यह भी है कि रेरा को मिली शिकायतों का सर्वाधिक निराकरण और शिकायतकर्ताओं के हित के फैसले श्रीवास्तव के वक्त में ही हुए हैं।

 

जब उजागर हो जाए तब खबर

 

कटनी में एक बुजुर्ग महिला और नाबालिग से मारपीट मामले में जीआरपी थाने की तत्कालीन टीआई अरुणा वाहने और पांच पुलिसकर्मियों को 14 महीने बाद शासन ने निलंबित कर दिया है।यह मामला पत्रकारिता के छात्रों के लिये भी सीख है कि खबर तो खबर है, जब उजागर हो जाए, असरकारक हो जाती है।जिस मामले में इन्हें निलंबित किया है वह वीडियो एक साल से अधिक पुराना है, जो अब सामने आया।  शिवराज सिंह चौहान को भी रीवां में हुए पेशाब कांड का एक पुराना वीडियो सामने आने के बाद सरकार को दलित विरोधी होने के पाप से मुक्ति दिलाने के लिये सीएम हाउस में पीड़ित दलित के पैर धोना पड़े थे।

 

प्राधिकरण का न्यौता

 

इंदौर विकास प्राधिकरण अब तक खाता न बही, हम बोलें वह सहीकी अकड़ से काम करता रहा है।अब वह अन्य नामी आर्किटेक्टस, प्लानर, डिजाइनरों के बनाए प्लान पर काम करेगा।प्राधिकरण की स्कीम 151 और 169 (सुपर कॉरिडोर), स्कीम 166 और 134 में चार बड़े प्लॉट पर इन नामी आर्किटेक्टस के बीच प्रोजेक्ट और उसकी प्लॉनिंग को लेकर खुली प्रतियोगिता रख रहा है।इस तरह का नवाचार करने वाला इविप्रा मप्र में पहला है।

 

टाइगर तो हमेशा जिंदा है…!

 

मप्र में जब दिग्विजय सिंह और कमलनाथ ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को भाव देना कम कर दिये थे, तब भाजपा में जाने से पहले सिंधिया भी अपने समर्थकों का उत्साह बढ़ाने के लिए सभाओं में कहते रहते थे टाइगर अभी जिंदा है। यह कहते-कहते वो भाजपा के अभ्यारण्य का आकर्षण हो गए।

सिंधिया जिन केपी यादव से लोकसभा चुनाव हारे, उन यादव का मान-सम्मान बढ़ाने जैसा कोई आयोजन भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने अब तक नहीं किया है।अब पूर्व सांसद केपी यादव भी अपने समर्थकों का यह कह कर उत्साह बढ़ा रहे हैं कि टाइगर अभी जिंदा है।

 

ये गरीब उन जैसे गरीब नहीं !

 

पीएम आवास योजना का घोषित उद्देश्य तो यही है कि जो छतविहीन परिवार हैं उन्हें घर मुहैया कराया जाए।सतना में तो गजब ही हो रहा है यहां जिन्हें आवास आवंटित किये गये हैं उनमें से कुछ तो इतने गरीबहैं कि दोपहिया वाहन और पंखा तक नहीं होने से बेचारे कार और एसी से काम चला रहे हैं।निगम आयुक्त शेर सिंह मीना भी मानते हैं कि ऐसे आवंटन नियम विरुद्ध हैं, फिर से जांच कराएंगे।

 

सोयाबीन की चिंता किसका काम…?

 

मप्र के सोयाबीन उत्पादक किसानों का यह पूछना स्वाभाविक है कि सोयाबीन फसल की चिंता करना क्या सरकार का काम नहीं हैं। शिवराज सरकार में जो सोयाबीन 6 हजार रु क्विंटल तक बिकता रहा उसके दाम बीते दस वर्ष में कम होकर 3500 से 4 हजार रह गए हैं जबकि सोयाबीन तेल के दाम में कमी नहीं आई है।भारतीय किसान संघ के मालवा प्रांत का सम्मेलन इंदौर में 5 सितंबर को हो रहा है, इसमें सरकार को घेरने की रणनीति भी बनेगी।

 

चौड़ी सड़क, फायदा किस का?

 

बीते वर्षों में स्मार्ट सिटी के नाम पर सड़कों के चौड़ीकरण में वहां के रहवासियों ने तो दंड भुगता लेकिन शहर को राहत तो मिली ही नहीं।बियाबानी, एमजी रोड, गणेशगंज, कनाड़िया, पाटनीपुरा क्षेत्र में चौड़ी की गई सड़कें कमाई का जरिया बन गई हैं।अतिक्रमण करने वालों के साथ संबंधित वार्डों के पार्षदों-भाजपा नेताओं ने इन सड़कों के किनारों पर गुमटियां लगवा कर अतिरिक्त कमाई करने का रास्ता खोज लिया है साथ ही निगम की पीली गैंग की भी इंकम बढ़ गई हैं।फुटपाथों पर गुमटी-ठेलों के कब्जे बढ़ते जा रहे हैं।ट्रैफिक पुलिस को वाहन चालकों की परेशानी से मतलब नहीं है।

 

ग्रीन रूम में हरा हरा !

 

सिंहस्थ कार्य निर्माण के नाम पर कैसे फिजूलखर्ची होती है इसका एक उदाहरण है ग्रीन रूम निर्माण की पहल। महाकाल दर्शन-भस्म आरती के लिये आने वाले वीवीआयपी के लिये महानिर्वाणी अखाड़े में दो साल पहले दस लाख रु की लागत से ग्रीन रूम बनाया गया था।यह रूम पहले की तरह नए जैसा है। अब अधिकारी एक नया ग्रीन रूम बनाने के लिये आवश्यक धनराशि मंजूरी का प्रपोजल तैयार कर चुके हैं। कोई पूछने वाला है नहीं, सिंहस्थ की तैसारी के नाम पर सीएम आंख मूंद कर मंजूरी दे ही देंगे। सीएम को यह बताने की हिम्मत करे कौन की इस तरह का फालतू खर्च मंदिर को मिलने वाले दान का भी दुरुपयोग है।  पुराना ग्रीन रूम इतना ही कंडम हो गया होता तो संघ प्रमुख डा. मोहन भागवत, गृहमंत्री अमित शाह, कांग्रेस नेता राहुल गांधी को सत्कार कार्यालय यहां नहीं ठहराता।

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श्री कीर्ति राणा वरिष्ठ पत्रकार हैं. इन्होंने अनेक प्रतिष्ठि दैनिक समाचार पत्रों के सम्पादक के दायित्व का बखूबी निर्वहन किया है. श्री राणा शासन - प्रसासन की हलचल और समाज में हो रहे परिवर्तन पर पैनी नजर रखते हैं. वे साहित्य और कला समीक्षा पर भी कलम चलाने में माहिर हैं.     सम्पर्क ...  89897 89896