जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान पुलिस अकादमी परिसर में पुलिस स्थापना दिवस के अवसर पर आयोजित परेड़ के निरीक्षण के दौरान अपने सम्बोधन में पुलिस संवेदनशील बिना किसी दबाव जवाबदेही प्रशासन की दिशा में प्रतिबद्धता से काम करें। मुख्यमंत्री ने पुलिस महकमे की तारीफ करते हुए कहा कि राजस्थान पुलिस बिना किसी भय और दबाव के अपनी कार्यक्षमता का प्रदर्शन कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने कर्तव्य निर्वहन के लिए राजस्थान पुलिस की देश भर में एक अलग पहचान है। अपने ध्येय वाक्य को आत्मसात करते हुए राजस्थान पुलिस प्रदेश में अपराधों पर अंकुश लगाने और कमजोर-पीडि़त व्यक्ति को त्वरित न्याय दिलाने के दायित्व का पूरे समर्पण के साथ निर्वहन करे। पुलिस के अधिकारी-कर्मचारी यह बात हमेशा अपने जेहन में रखें कि परिस्थितियां कैसी भी हों किसी भी व्यक्ति के साथ नाइंसाफी नहीं हो। गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने पुलिस के सुदृढ़ीकरण और आधुनिकीकरण की दिशा में प्रभावी फैसले लिए हैं। पुलिस की दक्षता और कार्यक्षमता बढाने के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं। संसाधनों को लेकर कोई कमी नहीं रखी जा रही है। आमजन की सुविधा व उनकी समस्याओं के निराकरण के लिए सकारात्मक वातावरण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सभी थानों में स्वागत कक्षों का निर्माण किया जा रहा हैै। अभी तक 731 थानों में स्वागत कक्ष बनकर तैयार हो चुके हैं। महिलाओं के विरूद्ध लैंंिगक अपराधों के मामलों में त्वरित अनुसंधान पर जोर दिया जा रहा है। इससे अनुसंधान के समय में कमी आई है। वर्ष 2019 में अनुसंधान में जहां औसत 129 दिन लगते थे, अब मात्र 79 दिवस में अनुसंधान कार्य पूरा किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि परिवादी को न्याय दिलाने के लिए आवष्यक निर्बाध पंजीकरण लागू होने के बाद काफी बदलाव आया है। वर्ष 2017 में दुष्कर्म के 33.4 प्रतिषत मामले कोर्ट के माध्यम से दर्ज होते थे, अब इनकी संख्या घट कर आधी से भी कम यानि 16 प्रतिषत रह गई है।  मुख्यमंत्री ने कहा कि लगातार बढ़ रहे साइबर अपराध पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती के रूप में उभर कर आए हैं। इससे प्रभावी रूप से निपटने के लिए हमारी सरकार ने वर्ष 2022-2023 के बजट में प्रदेश के सभी जिलो में साइबर पुलिस थाने स्थापित करने का निर्णय लिया है।  50 करोड़ रूपये की लागत से सेंटर फॉर साइबर सिक्योरिटी की स्थापना की जाएगी। राज्य सरकार ने 108 एम्बूलेंस की तर्ज पर डायल 100 एवं डायल 112 से जोड़ते हुए 500 पुलिस मोबाईल यूनिट गठित करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अच्छा कार्य करने वाले पुलिसकर्मियों व अधिकारियों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होने करौली में एक कांस्टेबल नेत्रेश शर्मा द्वारा कर्तव्य निर्वहन करते हुए आग से घिरे 4 लोगों की जान बचाने की तारीफ करते हुए कहा कि उसे राज्य सरकार ने हैड कांस्टेबल पद पर पदोन्नत करने का फैसला किया है।  मुख्यमंत्री ने विश्वास के साथ कहा कि राजस्थान पुलिस जन सेवा के कार्यो मे बढ़चढक़र भाग ले रही है मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर पुलिस का खेल बजट 50 लाख रूपए से बढ़ाकर 2 करोड़ रूपए तथा पुलिस उत्सवों के आयोजन का फंड 25 लाख से बढ़ाकर एक करोड़ रूपए की घोषणा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रोबेशनर आईपीएस मनीष कुमार के नेतृत्व में आयोजित भव्य परेड का निरीक्षण किया। कार्यक्रम में एडीजी पुलिस मुख्यालय सौरभ श्रीवास्तव, एडीजी आईटीबीपी हेमंत प्रियदर्शी, एडीजी पुलिस कल्याण गोविन्द गुप्ता, एडीजी टेली कम्यूनिकेशन सुनिल दत्त, सेवानिवृत्त प्लाटून कमांडर हवा सिंह एवं सेवानिवृत्त हैड कांस्टेबल बनवारी लाल को राष्ट्रपति पुलिस पदक प्रदान किया। इसके अलावा 61 पुलिस अधिकारियों-कर्मचारियों को सराहनीय सेवाओं के लिए पुलिस पदक से सम्मानित किया गया।