जयपुर । प्रदेश में जिन नरेगा कार्यस्थलों पर 20 से अधिक मजदूर होंगे। वहां नेशनल मोबाइल देखरेख सॉफ्टवेयर मोबाइल एप से ऑनलाइन उपस्थिति अनिवार्य होगी। नरेगा मजदूरों की उपस्थिति में हेराफेरी साबित होने पर दोषी अधिकारी-कार्मिकों पर गाज गिरेगी। कई जिलों में नरेगा मजदूरों की फर्जी हाजिरी लगाने के मामले आने पर मंत्री रमेशचन्द्र मीना ने अधिकारियों पर नाराजगी व्यक्त की है। अब इन मजदूरों की मोबाइल एप के जरिए दिन में दो बार उपस्थिति लगेगी। संबंधित कार्मिकों को कार्यस्थल सहित फोटो भी एप पर दिन में दो बार अपलोड करनी होगी। यह प्रक्रिया जियो टैगिंग के रजिस्टर्ड मोबाइल के माध्यम से ही की जा सकेगी। एप में उन मस्टररोलों को जोड़ा जा रहा है, जिसमें 20 से ज्यादा मजदूर हैं। पूर्वी और पश्चिमी राजस्थान सहित कई जिलों में फर्जी उपस्थिति की शिकायतें मंत्री तक पहुंची। मंत्री ने जब अधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा तो कई जिला अफसरों ने एप चलाने में नेटवर्क कनेक्टिविटी की समस्या बताई। मंत्री ने संबंधित जिला परिषद सीईओ को नेटवर्क उपलब्धता का सत्यापन कराने के लिए कहा है। इसके बाद कमजोर नेट कनेक्टिविटी वाली ग्राम पंचायतों की सूची मुख्यालय मंगवाई जाएगी। सत्यापन के बाद जिन ग्राम पंचायतों में नेट कनेक्टिविटी नहीं होने की शिकायत साबित होगी। वहां दोषी अधिकारियों-कार्मिकों पर गाज गिरेगी।